जब दिवाली, भारत का सबसे बड़ा प्रकाश‑उत्सव, अंधकार पर प्रकाश की जीत को दर्शाता है. Also known as दीपावली, it परिवारों को जोड़ता है, घरों को रोशन करता है और नई शुरुआत का जश्न बनाता है.
दिवाली के प्रमुख पहलू
हर घर में की जाने वाली दीपावली की पूजा, धार्मिक अनुष्ठान जो देवी लक्ष्मी और भगवान राम की कथा को सम्मानित करता है इस त्यौहार की आध्यात्मिक आधार है। पूजा में दीप जलाना, धूप‑दीप लगाना और भजन‑कीर्तन करना प्रमुख कार्य होते हैं। इन रिवाज़ों से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, और यही कारण है कि लोग इस दिन को शुद्धि व समृद्धि का समय मानते हैं।
दिवाली की मिठाइयाँ, लड्डू, बर्फी, सोंहपापड़ जैसे पारम्परिक व्यंजन जो खुशी को मीठा बनाते हैं भी त्यौहार के अनिवार्य भाग हैं। मिठाइयों की तैयारी में अक्सर पूरे परिवार की भागीदारी होती है, जिससे सामाजिक बंधन और भी मज़बूत होते हैं। मिठाइयों का वितरण पड़ोसी‑परिवार और दोस्तों के बीच goodwill का संदेश देता है, और इस तरह से मिठास का समाज में प्रसार होता है।
दिवाली की खरीदारी, नई कपड़े, उपयोगी सामान और उपहारों की खरीदारी जो बाजार को जीवंत बनाती है आर्थिक पहलू को उजागर करती है। छोटे‑बड़े व्यापारियों के लिए यह साल का सबसे बड़ा बिक्री‑सीज़न है, और ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफ़ॉर्म भी इस दिन विशेष ऑफ़र लेकर आते हैं। इसलिए इस त्यौहार को अक्सर "आर्थिक उत्सव" भी कहा जाता है, क्योंकि यह उपभोक्ता खर्च और रिटेल रिवेन्यू दोनों को बढ़ाता है।
दीपों की सजावट, घर‑बाहर रंग‑बिरंगे दीयों, रंगोली और लाइटिंग सेट‑अप जो दृश्य शुद्धता लाते हैं दिवाली की रौनक को पूर्ण बनाती है। सजावट में कलात्मक तत्व जोड़ने से न केवल घर सुंदर लगता है, बल्कि इसका असर मनोवैज्ञानिक भी होता है – तनाव कम होता है और सकारात्मक सोच बढ़ती है। इस कारण से डिज़ाइनर और आर्टिस्ट भी इस मौके पर नए रुझान पेश करते हैं, जो पारम्परिक और मॉडर्न स्टाइल को मिलाते हैं।
आज के डिजिटल युग में भी दिवाली के अनुष्ठान आधुनिक तकनीकी ट्रेंड के साथ तालमेल बिठा रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, कई लोग ऑनलाइन भुगतान, डिजिटल वॉलेट और ई‑कॉमर्स साइटों के माध्यम से अपनी खरीदारी कर रहे हैं, जिससे लेन‑देन तेज़ और सुरक्षित बनता है। साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहन जैसे महिंद्रा BE 6 का लॉन्च और नई तकनीकों की घोषणा अक्सर इस मौसम में की जाती है, क्योंकि ब्रांड्स चाहती हैं कि उनके उत्पाद खुशी के माहौल में झलके। इस तरह से परम्परा और नवाचार का मिश्रण दिवाली को और अधिक आकर्षक बनाता है।
अब आप नीचे दी गई लेख सूची में रोशनी, पूजा, मिठाइयाँ, खरीदारी और आधुनिक ट्रेंड्स से जुड़ी कई रोचक ख़बरें और गाइड पाएँगे। प्रत्येक पोस्ट दिवाली की विविधताओं को समझने में मदद करेगी, चाहे आप परम्परागत रिवाज़ों में रुचि रखते हों या नई तकनीकी अनुभवों का आनंद लेना चाहते हों। आगे पढ़िए और अपने त्यौहार को और खास बनाइए।
17 अक्टूबर 2025 को तमिलनाडु के 12 जिलों में भारी बारिश के कारण स्कूल बंद, फिर दिवाली के साथ पाँच दिन की छुट्टियों के साथ जारी। पश्चिम बंगाल में भी उत्सव कारण स्कूल बंद।