ट्रॉन्की मानसून में तमिलनाडु के 12 जिलों में स्कूल बंद, दिवाली के साथ अवकाश

जब इंडिया मीटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने 17 अक्टूबर, 2025 को ऑरेंज अलर्ट जारी किया, तो तमिलनाडु‑के 12 जिलों में स्कूल बंद हो गए। इसका सीधा कारण वही रेत‑से‑भरा आगमन‑भोर मौसम था, जो पियर‑साइड के शहर चेन्नई में भी तेज़ बारिश ले आया। परिणामस्वरूप दस मिलियन से अधिक छात्रों ने अचानक दो‑दिन की छुट्टी का सामना किया, और फिर तुरंत ही दिवाली के साथ चार‑दिन का लंबा अवकाश जुड़ गया।
मौसम के कारण स्कूल बंद: कारण और क्षेत्र
इंडिया मीटियोरॉजिकल डिपार्टमेंट के डायरेक्टर जेनरल मृत्युंजय मोहापात्रा की टीम ने 16 अक्टूबर को बताया कि उत्तर‑पूर्वी मानसून ने तमिलनाडु के अधिकांश हिस्सों में भारी वर्षा की संभावना जताई थी। सूचना में बताया गया कि 96% संभावित वर्षा चमकते हुए 12 जिलों को प्रभावित करेगी, जिसमें पहाड़ी क्षेत्रों की भारी बाढ़ का ख़तरा भी शामिल था।
विस्तृत जिलों की सूची और प्रभाव
यहाँ उन जिलों की पूरी सूची है जहाँ स्कूल बंद हुए:
- चेन्नई
- कोयम्बटूर
- निलगिरीस
- डिंडीगल
- थेनी
- विरुधुनगर
- मदुरै
- सिवागंगा
- रमनाथपुरम
- थूतुकुडी
- टेन्नाकसी
- तिरुनेल्वेली
- कन्याकुमारी
इन क्षेत्रों में लगभग 40,000 स्कूलों को प्रभावित किया गया, और कई प्रमुख हाईवे व रेल लाइनें भी सफ़र‑रोक के कारण बंद रही। बच्चों ने घर में रहकर, मोबाइल पर ऑनलाइन क्लासेज़ का सहारा लिया, पर बहुत से ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की कमी ने शिक्षा पर दाँव लगाए।

जागरण जॉश की रिपोर्ट और विशेषज्ञ कथन
इसे झलकाते हुए जागरन जॉश की कंटेंट राइटर सिमरन अख़ौरी ने 16 अक्टूबर को लिखा, “स्कूलों को अगले दिन बंद किया जाना अनिवार्य था; अभिभावकों को आधिकारिक सूचना पर नज़र रखनी चाहिए।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह बंद होना सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि 17‑21 अक्टूबर तक चलने वाले दिवाली अवकाश से जुड़कर कुल पाँच दिन का शैक्षणिक विराम बन गया।
सिमरन का कहना था, “जहाँ तक संभव हो, स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने की कोशिश की, पर बाढ़‑प्रवण गाँवों में यह मुश्किल रहा।” इस दौरान द इकनॉमिक टाइम्स ने 21 अक्टूबर को बताया कि चेन्नई में 96% बारिश की संभावना अभी भी बरकरार है, और गर्म‑जैसी तापमान के साथ धुंध भी लगातार बनी हुई है।
दिवाली अवकाश और पश्चिम बंगाल की अतिरिक्त छुट्टियां
17 अक्टूबर के बाद, तमिलनाडु ने आधिकारिक तौर पर दिवाली अवकाश 2025तमिलनाडु की घोषणा की। यह चार‑दिन का अवकाश (18‑21 अक्टूबर) सभी शैक्षणिक संस्थानों को समान रूप से लागू हुआ। इसी बीच, पश्चिम बंगाल ने 20‑23 अक्टूबर तक स्कूल बंद करने का निर्णय लिया, जहाँ कालि पूजा, दिवाली और भाई दूज जैसे कई स्थानीय त्यौहार एक साथ मनाए जा रहे थे। पश्चिम बंगाल में इस अवधि में कोई अपवाद नहीं रखा गया, सभी जिलों में पूर्ण बंदी लागू रही।

भविष्य की संभावनाएं और सलाह
वर्ष के अंत तक उत्तर‑पूर्वी मानसून का प्रभाव जारी रहने की संभावना है, इसलिए शिक्षा विभाग ने अभिभावकों से अपील की है कि वे स्थानीय प्रशासन की सूचनाओं पर लगातार नज़र रखें। साथ ही, स्कूल प्रशासन को चाहिए कि वे वैकल्पिक शिक्षण माध्यम – जैसे ऑफ़लाइन सामग्री वितरण और रेडियो‑क्लासेज़ – को सक्रिय रखें, ताकि बाढ़‑ग्रस्त क्षेत्रों में भी शिक्षण निरंतर चल सके।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या 17 अक्टूबर को सभी स्कूल पूरी तरह बंद थे?
हाँ, इंडिया मीटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट के ऑरेंज अलर्ट के बाद तमिलनाडु के 12 जिलों में सरकारी और निजी दोनों स्कूलों को 17 अक्टूबर को बंद किया गया था।
दिवाली अवकाश के साथ कुल कितने दिन की छुट्टी हुई?
स्कूल बंद 17 अक्टूबर से शुरू हुआ और 21 अक्टूबर तक चलता रहा, यानी पाँच लगातार दिन की छुट्टी हुई।
पश्चिम बंगाल में स्कूल कब तक बंद रहे?
पश्चिम बंगाल में स्कूल 20 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक बंद रहे, क्योंकि इस अवधि में कालि पूजा, दिवाली और भाई दूज कई प्रमुख त्यौहार मनाए गए।
मौसम परिवर्तन के कारण भविष्य में कितनी बार स्कूल बंद हो सकते हैं?
इंडिया मीटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने कहा है कि उत्तर‑पूर्वी मानसून अक्टूबर‑दिसंबर में सक्रिय रहता है, इसलिए इस अवधि में प्रतिदिन बारिश के स्तर पर निर्भर कर कई बार अस्थायी बंदी हो सकती है।
बच्चे इन बंदियों में कैसे पढ़ाई जारी रख सकते हैं?
स्कूल प्रबंधन ऑनलाइन कक्षाएँ, डिजिटल नोट्स, और मोबाइल‑आधारित लर्निंग ऐप्स का उपयोग कर रहा है, जबकि दूरस्थ और बाढ़‑ग्रस्त क्षेत्रों के लिये रेडियो‑क्लासेज़ और प्रिंटेड सामग्री वितरित की जा रही है।
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