शनिवार, 23 नवंबर 2024 को, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) ने तमिलनाडु के अगले विधानसभा चुनाव के लिए द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत के लिए एक पांच सदस्यीय समिति का गठन कर दिया। यह फैसला तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी (TNC) ने आधिकारिक तौर पर घोषित किया। समिति का नेतृत्व गिरीश चोडानकर, AICC के तमिलनाडु और पुडुचेरी के प्रभारी, करेंगे। अन्य सदस्यों में कांग्रेस नेता सूरज हेगड़े, निवेदित अल्वा, के. सेल्वापेरुंथगई और कांग्रेस विधायक दल के नेता एस. राजेशकुमार शामिल हैं। इस कदम का मतलब साफ है — कांग्रेस अब भी गठबंधन की रीड DMK के साथ ही रहेगी।
अटकलों का खात्मा, गठबंधन की एकता पर जोर
इस घोषणा से पहले, तमिलगा वेत्री कलगम (TVK) — अभिनेता विजय की पार्टी — के साथ संभावित गठबंधन की अटकलें तमिलनाडु की राजनीति में जोर पकड़ रही थीं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि TVK ने कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए एक सर्वे कराया है, जिसमें अच्छे नतीजे आए। लेकिन कांग्रेस का रुख ठंडा रहा। राहुल गांधी ने खुद कहा कि TVK के साथ जाने की बात "सोचा तक नहीं"। TVK के डिप्टी जनरल सेक्रेटरी सी.टी.आर. निर्मल कुमार ने भी इन अटकलों को खारिज कर दिया। इस तरह, राज्य में गठबंधन की दिशा स्पष्ट हो गई — DMK ही है असली साथी।
पी. चिदंबरम ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "इससे अनावश्यक अफवाहें खत्म होंगी और राज्य में गठबंधन की एकता प्रतिबिंबित होगी।" यह बयान सिर्फ एक राजनीतिक निवेदन नहीं, बल्कि एक संकेत है कि कांग्रेस अब अपनी राष्ट्रीय कमजोरियों को देखकर अधिक व्यावहारिक बन रही है।
बिहार का नतीजा: कांग्रेस की मोलभाव क्षमता पर सवाल
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों ने कांग्रेस को एक कठिन सच का सामना कराया। राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी की संगठनात्मक कमजोरी उजागर हुई। एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा, "अंदरूनी तनाव के बावजूद DMK के साथ गठबंधन ही कांग्रेस के लिए सबसे व्यावहारिक और भरोसेमंद विकल्प है।" डीएमके के सीनियर नेताओं का मानना है कि बिहार के परिणाम से कांग्रेस की मोल-तोल की क्षमता कम हो गई है। अब वह ज्यादा सीटों की मांग करने में सक्षम नहीं लगती।
2021 के विधानसभा चुनाव में DMK ने 96 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस के 34 विधायक थे। लेकिन उस बार कांग्रेस ने 48 सीटों पर चुनाव लड़ा था। 2024 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन ने तमिलनाडु की सभी 39 सीटें जीतीं — जिसमें कांग्रेस को 9 सीटें मिलीं। यह आंकड़ा बताता है कि कांग्रेस की बढ़ती ताकत नहीं, बल्कि DMK की राज्य में अपनी जनता के साथ जुड़ाव ही गठबंधन की असली ताकत है।
DMK की तैयारियां शुरू, VCK भी साथ
DMK की तैयारियां पहले से ही तेजी से चल रही हैं। एम.के. स्टालिन, जो राज्य के मुख्यमंत्री भी हैं, अपने सभी निर्वाचन क्षेत्रों के पार्टी पदाधिकारियों के साथ एक-एक करके बैठकें कर रहे हैं। वहीं, उनकी सहयोगी पार्टी विदुथलाई चिरुथिगल काची (VCK) भी गठबंधन के साथ जुड़े रहने का स्पष्ट संकेत दे रही है। डी. रविकुमार, VCK के जनरल सेक्रेटरी और सांसद, ने कहा, "गठबंधन कमजोर हुआ तो भाजपा को ही फायदा होगा।" यह चेतावनी एक स्पष्ट संदेश है — कोई भी अलगाव राज्य के विकास और सेक्युलर विरासत के लिए खतरा होगा।
अगला कदम: बातचीत की शुरुआत
अब गिरीश चोडानकर की अगुवाई वाली समिति DMK के नेतृत्व के साथ सीट बंटवारे पर विस्तृत वार्ता शुरू करेगी। यह बातचीत केवल सीटों का मुद्दा नहीं, बल्कि राज्य के भविष्य की राजनीति की दिशा तय करेगी। कांग्रेस इस बार अपने लिए अधिक सीटें मांगने की कोशिश करेगी, लेकिन बिहार के बाद उसकी मोलभाव की शक्ति कम हो गई है। DMK भी अपनी जनता के बीच अपनी अगुवाई को बनाए रखना चाहता है — इसलिए वह ज्यादा दबाव में नहीं आएगा।
इस बार का गठबंधन अलग है। यह बाजार के बदलते नियमों पर नहीं, बल्कि विश्वास और अनुभव पर टिका है। जहां कांग्रेस अपनी राष्ट्रीय चुनौतियों के साथ लड़ रही है, वहीं DMK अपनी राज्य स्तरीय राजनीति में अपनी जड़ें मजबूत कर रहा है। दोनों के लिए अगले चुनाव सिर्फ जीत-हार का मुद्दा नहीं, बल्कि एक साझा भविष्य का निर्माण है।
Frequently Asked Questions
कांग्रेस ने अभी तक DMK के साथ कितनी सीटें जीती हैं?
2024 के लोकसभा चुनाव में DMK-कांग्रेस गठबंधन ने तमिलनाडु की सभी 39 सीटें जीतीं, जिसमें कांग्रेस को 9 सीटें मिलीं। 2021 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 34 सीटें जीती थीं, जबकि DMK ने 96 सीटें जीती थीं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि गठबंधन की ताकत DMK के जनता के साथ जुड़ाव पर टिकी है।
TVK के साथ गठबंधन की अटकलें क्यों फैली थीं?
अभिनेता विजय की पार्टी TVK ने अपनी लोकप्रियता के आधार पर गठबंधन की संभावना पर अटकलें फैलाईं। कुछ मीडिया ने एक सर्वे की खबर दी, जिसमें उनकी पार्टी के लिए अच्छे नतीजे आए। लेकिन कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और पी. चिदंबरम ने स्पष्ट किया कि वे DMK के साथ ही रहेंगे। TVK के नेता ने भी अटकलों को खारिज कर दिया।
बिहार चुनाव का नतीजा कांग्रेस के लिए कैसे महत्वपूर्ण है?
बिहार में कांग्रेस की भारी हार ने उसकी संगठनात्मक कमजोरी को उजागर किया। इसके बाद राज्य स्तर पर भी उसकी मोलभाव की क्षमता कम हो गई। DMK के नेता मानते हैं कि अब कांग्रेस ज्यादा सीटों की मांग नहीं कर सकती — इसलिए बातचीत में वह कमजोर स्थिति में बैठी है।
VCK का रुख कांग्रेस के लिए क्या संकेत देता है?
VCK, जो दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है, ने DMK के साथ गठबंधन को अनिवार्य माना है। उनके नेता डी. रविकुमार ने चेतावनी दी कि गठबंधन कमजोर हुआ तो भाजपा को फायदा होगा। यह संकेत देता है कि DMK का गठबंधन एक व्यापक अलायंस है, जिसमें कांग्रेस की भूमिका अभी भी महत्वपूर्ण है।
क्या कांग्रेस 2026 में 34 सीटों से ज्यादा जीत सकती है?
संभावना है, लेकिन यह DMK के साथ सीट बंटवारे पर निर्भर करेगी। 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 9 सीटें जीतीं, जो विधानसभा चुनाव की तुलना में कम है। अगर DMK किसी क्षेत्र में अपनी शक्ति कम करके कांग्रेस को दे देता है, तो यह संभव है। लेकिन बिहार के बाद कांग्रेस की मोलभाव क्षमता सीमित है।
क्या यह गठबंधन 2026 के बाद भी बना रहेगा?
अगर दोनों पार्टियां चुनाव जीतती हैं और सत्ता में रहती हैं, तो गठबंधन जारी रहने की संभावना है। लेकिन यह निर्भर करेगा कि DMK कितना विश्वास करता है कि कांग्रेस उसकी राज्य स्तरीय नीतियों का समर्थन करेगी। अभी तक, दोनों के बीच साझा विचारधारा और विरोधी के खिलाफ एकता ही गठबंधन का आधार है।