UAE की एकल‑नाम पासपोर्ट प्रतिबंध ने पंजाबी यात्रियों को कर दिया बड़ा झटका

एकल‑नाम पासपोर्ट प्रतिबंध की पृष्ठभूमि
नवम्बर 2022 में संयुक्त अरब अमीरात ने एक नया इमिग्रेशन नियम लागू किया, जो UAE एकल नाम पासपोर्ट प्रतिबंध के नाम से जाना जाता है। इस नियम के तहत उन यात्रियों को, जिनके पासपोर्ट में केवल एक ही नाम लिखा है, टूरिस्ट या विज़िट वीज़ा पर देश में प्रवेश करने से रोका गया। अधिकारी बताते हैं कि एकल‑नाम पासपोर्ट वाणिज्यिक डेटाबेस और पहचान प्रणाली में गड़बड़ी पैदा करता है, जिससे सुरक्षा जांच में जटिलता बढ़ती है।
यह समस्या खासकर पंजाब के लोगों के बीच अधिक देखी गई, क्योंकि यहाँ पारंपरिक रूप से कई लोग केवल एकल नाम—जैसे “हरनाम”, “रणजित” आदि—का उपयोग अपने आधिकारिक दस्तावेजों में करते हैं। भारतीय पासपोर्ट जारी करने वाले एजेंसियों ने कई सालों तक इस शैली को स्वीकार किया, लेकिन अब UAE की सख्त पॉलिसी ने इस प्रथा को चुनौती दी है।
पंजाबी यात्रियों पर प्रभाव और संभावित समाधान
नियम के तहत, यदि आपका पासपोर्ट केवल एक नाम दिखाता है और आप टूरिस्ट, विज़िट या समान वीज़ा के साथ यात्रा करते हैं, तो एयरलाइन चेक‑इन से ही आपका टिकट रद्द हो सकता है। कई एयरलाइन, जैसे Emirates, Etihad, IndiGo ने अपने बुकिंग सिस्टम में नया फ़ील्ड जोड़ा है, जहाँ यात्रियों को अपने फर्स्ट नेम और सरनेम दोनों भरने की ज़रूरत होती है।
ब्यापक प्रभाव केवल व्यक्तिगत यात्रियों तक ही नहीं सीमित है; कई पंजाबी परिवार जो नियमित रूप से यूएई में काम‑धंधा या रिश्तेदारों से मिलने जाते हैं, उन्हें वीज़ा रद्दीकरण और कभी‑कभी जुर्माना का सामना करना पड़ा। कुछ मामलों में, वही व्यक्ति जो रोजगार वीज़ा या रेज़िडेंस परमिट रखता है, वह बिना किसी समस्या के जा सकता है, बशर्ते पासपोर्ट में प्रथम नाम और उपनाम एक ही欄 में दोहराया गया हो।
समर्थन दस्तावेज़ों की मांग भी बढ़ गई है। इमिग्रेशन अधिकारियों ने नाम प्रमाणपत्र, आफिडेविट या पिता का नाम दिखाने वाले किसी भी सरकारी दस्तावेज़ को दिखाने की शर्त रखी है। कई भारतीय राज्यों—जैसे पंजाब, हरियाणा और दिल्ली—ने इस समस्या को सुलझाने के लिए सर्कल सर्टिफ़िकेट या उपनाम जोड़ने की प्रक्रिया तेज़ करने की पहल शुरू की है। ये कदम प्रभावित यात्रियों को भविष्य में बिना बाधा के यात्रा करने में मदद करेंगे।
कानूनी तौर पर नियम का उल्लंघन करने पर प्रवेश नकार, वीज़ा रद्द, जुर्माना या दोहराए जाने पर अस्थायी यात्रा प्रतिबंध जैसी सज़ाएँ हो सकती हैं। यात्रा विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि प्रभावित लोग अपने नाम को आधिकारिक तौर पर परिवर्तन करवा लें या पासपोर्ट की दूसरी पृष्ठ पर पिता का नाम जोड़वा लें, जिससे इमिग्रेशन प्रक्रिया सुगम हो सके।
इस नीति ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सवाल उठाए हैं। कई मानवीय अधिकार संगठनों ने कहा है कि एकल‑नाम संस्कृति को नजरअंदाज़ करना सांस्कृतिक विविधता के खिलाफ है और इसे पुनः विचार किया जाना चाहिए। अभी तक यूएई ने इस पर कोई व्यापक पुनरावलोकन नहीं किया है, लेकिन भविष्य में अधिक लचीले नियमों की उम्मीद की जा रही है।
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