जब आप IPO, प्रारम्भिक सार्वजनिक प्रस्ताव, जहाँ कंपनी पहली बार अपने शेयर सार्वजनिक निवेशकों को बेचती है. Also known as प्राइमरी ऑफरिंग, it marks the moment a private firm becomes publicly traded.
किसी भी कंपनी के लिए IPO सिर्फ पूँजी जुटाने का जरिया नहीं है, बल्कि ब्रांड की विश्वसनीयता बढ़ाने और बड़ी वृद्धि के दरवाज़े खोलने का द्वार भी है। जब कंपनी लिस्टिंग करती है, तो उसके शेयर बाजार में ट्रेडिंग शुरू हो जाती है, और हर निवेशक को भाग लेने का मौका मिलता है। इस प्रक्रिया में शेयर बाजार, स्थानीय और राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज जहाँ शेयरों को खरीदा-बेचा जाता है एक मुख्य मंच बन जाता है।
IPO की प्रमुख चरण
पहला कदम कंपनी का खुद को सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत करना होता है, यानी प्रॉस्पेक्टस जारी करना। इस दस्तावेज़ में वित्तीय डेटा, जोखिम कारक और भविष्य की योजना की जानकारी होती है। फिर बैंकों या इनवेस्टमेंट फर्मों को अंडरराइटर के रूप में चुना जाता है, जो शेयर की कीमत तय करने और पूँजी जुटाने में मदद करते हैं। अंत में शेयरों की कीमत तय होने के बाद, एक्सचेंज पर लिस्टिंग होती है और ट्रेडिंग शुरू हो जाती है।
नियम‑कानून की बात करें तो SEBI, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड, जो बाजार की निगरानी और निवेशकों की सुरक्षा करता है हर IPO के लिए कड़ी चेक‑लिस्ट बनाता है। फॉर्म 1, फॉर्म 4, ग्रेड‑ऑफ‑ऑफ़र इत्यादि दस्तावेज़ीकरण को पूरा करना अनिवार्य है, नहीं तो लिस्टिंग रद्द हो सकती है।
निवेशक की नजर से देखें तो IPO एक दो‑तरफ़ा खेल है। एक ओर यह संभावित high‑growth कंपनियों में शुरुआती कदम रखने का अवसर देता है, दूसरी ओर इसमें रिटर्न अनिश्चित रहता है। आत्म‑विश्वास वाले निवेशक अक्सर प्रॉस्पेक्टस की फाइनेंशियल प्रोजेक्शन, प्राइस‑टू‑ईarnings (P/E) रेशियो और कंपनी के प्रमुख प्रतिस्पर्धियों को देख कर फैसला लेते हैं।
बाजार पर असर का माप रखने वाले प्रमुख संकेतकों में सब्सक्रिप्शन ओवरसब्सक्रिप्शन रेशियो, इश्यू प्राइस, और पोस्ट‑IPO ट्रेडिंग वॉल्यूम शामिल हैं। जब कई निवेशकों का इंटरेस्ट हाई होता है, तो शेयर की कीमत अक्सर इश्यू प्राइस से ऊपर खुलती है, जिसे “कोट‑ऑफ‑फर्स्ट‑डे रिटर्न” कहते हैं।
हालिया वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहन, फ़िनटेक और हेल्थ‑टेक जैसी सेक्टर में IPO की संख्या में तेज़ी आई है। उदाहरण के तौर पर, जब महिंद्रा ने बी‑इ‑6 इलेक्ट्रिक SUV लॉन्च किया, तो कई निवेशक इस नई तकनीक पर आधारित कंपनी के संभावित IPO की उम्मीदों से भरे थे। ऐसी ट्रेंड बताती है कि नई टेक्नोलॉजी वाले स्टार्ट‑अप्स अपनी वृद्धि को स्केल करने के लिए सार्वजनिक फंडिंग की ओर रुख कर रहे हैं।
यदि आप पहली बार IPO में शामिल हो रहे हैं, तो कुछ आसान नियम अपनाएँ: प्रॉस्पेक्टस को पूरी तरह पढ़ें, कंपनी की मौजूदा कमाई और लाभ मार्जिन पर नजर रखें, और अपने निवेश को विभिन्न सेक्टरों में बाँटें। छोटे‑साइज़ के IPO में अक्सर अच्छी शुरुआती रिटर्न मिलती है, लेकिन जोखिम को हमेशा ध्यान में रखें।
इन सब बातों को समझकर आप IPO की दुनिया में एक सुदृढ़ कदम रख सकते हैं। नीचे आपको आज की सबसे ताज़ा IPO खबरें, विशेषज्ञ विश्लेषण और बाज़ार की दिशा मिलने वाली है—जो आपके निवेश निर्णय को तेज़ और समझदार बना सकती है।
LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का ₹11,607 करोड़ IPO 7 अक्टूबर से शुरू, ग्रे‑मार्केट प्रीमियम 24% के साथ। बुक‑रनिंग में Citigroup, Morgan Stanley, JP Morgan आदि, लिस्टिंग 14 अक्टूबर को।